Thursday, June 4, 2009

शर्म करो पुलिसवालों

बैतूल जिला जेल में दहेज एक्ट के तहत बंद एक दलित महिला ने पुलिस कर्मिय्ाों पर सनसनीखेज आरोप लगाया है महिला का कहना है कि आमला थाने में जब दहेज प्रताड़ना के मामले में हिरासत मे लिया गया तब पुलिस वालो ने सामूहिक बलात्कार किया ।महिला के खाक वर्दी को दागदार करने वाले आरोप से बैतूल से लेकर भोपाल तक पुलिस महकमंे में हडकम्प मच गय्ाा। जिसके चलते डीजीपी के निर्देश पर होशंगाबाद रेंज के डीआईजी ब्रजभूषण शर्मा ने आमला थाने पहुंचकर मामले की गहन जांच पडताल की। प्राथमिक जांच के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारिय्ाों के निर्देश पर आमला थाने में मिश्रा एवं अन्य्ा के खिलाफ धारा 376 के तहत अपराध पंजीबद्घ किय्ाा गय्ाा है। जबकि आमला थाना प्रभारी अनिल सिंह ठाकुर एवं प्रधान आरक्षक नन्द किशोर मिश्रा को लाइन अटैच कर दिय्ाा गय्ाा है। साथ ही मामले की गहन जांच पडताल के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह भदौरिय्ाा के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किय्ाा गय्ाा है। जांच दल में एसडीओपी श्रीमती सीमा अलावा, झ्ाल्लार थाना प्रभारी शैलेन्द्र शर्मा एवं गुंडा स्क्वाड प्रभारी सुनील लाटा को शामिल किय्ाा गय्ाा है। बताय्ाा जाता है कि डीआईजी ने थाना परिसर सहित घटना स्थल का बारिकी से निरीक्षण करने के बाद आमला थाने में पदस्थ पुलिस कर्मिय्ाों से गहन पूछताछ की। जांच पडताल के बाद डीआईजी के निर्देश पर पीडित महिला की शिकाय्ात पर आमला थाने में धारा 376 के तहत मिश्रा सहित अन्य्ा के खिलाफ मामला पंजीबद्घ कर लिय्ाा है। ’आमला पुलिस थाने में पुलिस कर्मिय्ाों द्वारा बलात्कार करने का आरोप लगाने वाली महिला बंदी के पुत्र्ा कैलाश बामने ने बताय्ाा कि थाना प्रभारी एवं मिश्रा पुलिस वाले मेरे घर गय्ो थे एवं मुझ्ासे बोले कि दस हजार रूपय्ो का इंतजाम कर ले वरना तुझ्ो चार दिनों में गुंडा स्क्वाड के हाथों पिटवा कर जेल में डलवा देगे। तेरे मां, बाप को भी जेल में सडवा देगें। मंगलवार को मेरी मां को गिरफ्तार करके लाय्ाा गय्ाा। तब मैं खाना पहंचाने आय्ाा था तो वह बहुत परेशान थी तथा मुझ्ो थाने से निकालने के लिय्ो कह रही थी। पुलिस ने मेरी मां से कोई बात नहीं करने दी। मेरी मां का पेट बंधा हुआ था। मां बता रही थी कि कमर में बहुत दर्द हो रहा है। घटनाक्रम बताते हुए कैलाश की आंखे भर आई थी। कैलाश ने दोषी पुलिस कर्मिय्ाों पर कडी कायर््ावाही की मांग की है।‘ पीडित महिला के वकील रमेश दामले ने पत्र्ाकारों को बताय्ाा कि ’मैं दलित महिला से मिलने जेल में गय्ाा था। वहाॅ मैंने देखा कि उसे चलने में बहुत ही मुश्किल हो रही है, उसके शरीर पर खरोंच के निशान है। उसकी शारीरिक स्थिति अंत्य्ात दय्ानीय्ा है। महिला ने बताय्ाा कि मैंने एक नींद ले ली थी, अर्धरात्र्ाि को लगभग 12 बजे एक पुलिस वाले ने मुझ्ो उठाय्ाा एवं अंधेरे कमरे में ले जाने के लिय्ो जबरदस्ती करने लगा मैंने मना किय्ाा तो दो तीन पुलिस वाले आ गय्ो। उन्होंने उठाकर मुझ्ो अंधेरे कमरे में ले गय्ाा जहां पर टीआई भी थे। सभी ने दारू पी रखी थी। सबने मिलकर एक-एक करके मेरे साथ बलात्कार किय्ाा। मैं स्वय्ां अपनी मुवक्किल से मिलकर आय्ाा हूूं। उसने बताय्ाा कि मेरे साथ चार लोगों ने पुलिस कस्टडी में बलात्कार हुआ है। हम पूरी कानूनी कायर््ावाही करेगें। जो भी कानूनी कदम उठाना पडेगा मैं उठाऊंगा। भले ही चाहे वह प्रशासन के खिलाफ ही क्य्ाों न हो।‘ अब इस मामले के बाद एसपी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की करने की बात कह रहे है । इस मामले के उजागर होने के बाद सबसे ज्यादा सोचने वाली पहेलू यह है कि यदि देश के रक्षक ही ऐसे कार्य करने लगे तो ,देश की बहू बेटियों की रक्षा कौन करेगा?

1 comment:

hanuman said...

प्रदीपजी ऎसे हजारो केस है जहां स्टेशन में पुलिस कर्मियो ने ऎसे दुष्कर्म किए है उन सभी के केस वर्षो तक चलते रहते है आप खुद मीडिया में है रोजाना आप ऎसी खबरो से वाकिफ़ होते है आजकल न्यायालय के चक्कर लगाने से भी कोई फ़ायदा नही...इसके लिए महिलाओ को खुद निर्णय लेकर दोषियो को सजा देनी होगी...जिससे महिला को थोडी बहुत मानसिक शांति तो पहुचेगी