Monday, June 1, 2009
कमजोर छत्तीसगढ़ सरकार
छत्तीसगढ सरकार बार बार दावा करती हेै नक्सल मोर्चे पर कामयाबी मिल रही है , लेकिन सच्चाई यह है कि नक्सली लगाातार सरकार पर भारी पड़ रहे है । बात चाहे नक्सली हमले की हो हिंसक घटनाओं में हुई मौतों की, नक्सली पुलिस फोर्स पर चैगुना भारी पड़े है ।प्रदेश में पिछले कई सालों से पुलिसिया अभियान चलाया जा रहा है आखिर हासिल क्या हुआ , क्या नक्सली हिंसा बंद हो पाई?क्या नक्सलियों के सोच में अंतर नहीं आया ?नहीं । राज्य में रहने वाले कोई भी व्यक्ति इन तमाम सवालों के उत्तर ने में ही देगा । लेकिन इसके बावजूद प्रदेश के ग्रह मंत्री अपनी सरकार तारीफ करने से नहीं थक रहे है ,उनका कहना है कि नक्सलियों में पुलिस का खौफ बढ़ रहा है ,लेकिन हम तो मं़त्री जी यह आप से यह कहने चाहते है कि यदि सच ें सरकार को कामयाबी मिल रही तो , ये आंकडे क्या गलत बोल रहे है ? आंकड़े पर नजर डालेे 2005 से लेकर 2009 तक तमाम दावों के बावजूद पुलिस ्रढाई सौ नक्सलियों को भी नहीं मार सकी जबकि इसी अवधि में नक्सलियों ने एक हजार सुरक्षाबल ,स्थानीय नागरिकों को मारने में सफल रहे है मंत्री जी आपसे बस यह कहना चाहते है कि नक्सलियों के किले पर फतह पाना है तो अपनी रणनीति और नीतियों पर विचार कर एक ठोस पहल करनी चाहिए।
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1 comment:
सरकार ठोस कदम उठाने के लिये क्या करे?
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